देहरादून में हुआ विश्व आयुर्वेद महासम्मेलन, नामचीन आयुर्वेदाचार्यों ने रखे विचार

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वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी

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देहरादून:(वाइब्रेंट भारत न्यूज नेटवर्क): उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देश भर से नामचीन आयुर्वेदाचार्यों ने हिस्सा लिया और अपने विचार रखे। इस दौरान नई दिल्ली के पंजाबी बाग पश्चिम स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की निदेशक वैद्य वंदना सिरोहा ने देहरादून में विश्व आयुर्वेद महासम्मेलन में देश विदेश से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आयुष मंत्रालय भारतसरकार द्वारा यूरोप आयुर्वेद एकेडमिक एसोसिएशन के विभिन्न पाठ्यक्रमों को मान्यता प्रदान की है।जिसमें लाइफ स्टाइल के साथ पंचकर्म ,औषधिनिर्माण,औषधि उपचारक आदि प्रमुख हैं।

देश -विदेश के संस्थाओं के सदस्य रहे उपस्थित

इस कार्यक्रम में ब्राज़ील, अर्जेंटीना,कैलिफोर्निया,लंदन,फ्रांस,श्रीलंका,नेपाल,तथा जर्मनी आदि प्रमुख देशों के प्रतिनिधियों के साथ देश के विभिन्न प्रांतों की संस्थाओं केसदस्य उपस्थित हुए। पद्मविभूषित वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा ने कहा कि माननीय मोदी जी के नेतृत्व में आयुर्वेद विश्व के हर देश में लोक प्रिय हो रहा है ।मैं इन पाठ्यक्रमों के क्रियान्वयन की सफलता पर राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की निदेशक को धन्यवाद देता हूं। उक्त कार्यक्रम मेंआयुष मंत्रालय के सलाहकार वैद्य कौस्तुभ उपाध्याय, डॉ प्रसन्न, एन,राव, डायरेक्टर एस, डी, एम कॉलेज,डॉ गीताकृष्णन,डॉ जयप्रकहणरायण, डॉ बीबी प्रसाद, वैद्य ताराचंद शर्मा के अतिरिक्त वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी वरिष्ठ गुरु राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

औषधि कंपनियों ने लगाए स्टाल

ज्ञातव्य हो कि उक्त तीन दिवसीय कार्यक्रम में उदघाटन सत्र में मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पुष्कर सिंह धामी, आयुष मंत्री प्रताप राव गणपति राव जाधव आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा,भारतीय चिकित्सा पद्धति आयोग के अध्यक्ष जयंत देव पुजारी,तथा अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वैद्य राकेश शर्मा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इसकी जानकारी राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के सदस्य एवं गुरु वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी ने दी।
उपरोक्त तीन दिवसीय सम्मेलन में 1000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों के अतिरिक्त लगभग 5000 आयुर्वेद के विद्वान तथा 300 औषधिनिर्माता कंपनियों ने अपने अपने स्टाल लगाए थे।

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