Prayag Mahakumbh 2025: पहले दिन 10 अखाड़ों की आवंटित हुई जमीन, साधु-संतों की नगरी बसनी शुरू

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प्रयागराज, (वाइब्रेंट भारत न्यूज नेटवर्क): प्रयागराज महाकुंभ 2025 के लिए पहले दिन सोमवार को 10 अखाड़ों को जमीन आवंटित की गई। इसके साथ ही प्रयाग में साधु-संतों की नई नगरी बसनी शुरू हो गई है। जमीन मिलते ही कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों ने अपनी बसावट की प्रकिया शुरू कर दिया है। अखाड़ों की उपस्थिति से कुंभ क्षेत्र में रौनक बढ़ने लगी है। भूमि मिलने के बाद अखाड़ों ने कुंभ क्षेत्र में अपनी-अपनी भूमि पर सीमांकन भी शुरू कर दिया है। सभी ने अपनी निर्धारित जमीनों पर साफ-सफाई के साथ खूंटे गाड़ने की परंपरा भी शुरू कर दी है।

सोमवार से अखाड़ों की बसावट का सिलसिला मेला प्राधिकरण और संतों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बैठक के बाद शुरू हुआ। इसके साथ ही प्रयागराज में होने जा रहे सनातन परंपरा के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 में कुंभ क्षेत्र में साधु-संतों की चहल-पहल बढ़नी शुरू हो गई है। महाकुंभ में जनआस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों की बसावट की प्रक्रिया सीएम योगी के निर्देश पर शुरू हुई है।

महाकुंभ ने आकार लेना किया शुरू

मुख्यमंत्री योगी की दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन की परिकल्पना ने कुंभ क्षेत्र में आकार लेना प्रारंभ कर दिया है। इस दिशा के सबसे पहले कदम सनातन संस्कृति के प्रतीक अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रकिया शुरू हो गई। कुंभ क्षेत्र में आज संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के संतों को अपनी छावनी लगाने के लिए कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से भूमि का आवंटन शुरू कर दिया गया। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि आवंटन के पहले दिन साधु-संतों की सहमति से दस अखाड़ों की कुंभ क्षेत्र में जमीन का आवंटन किया गया है।

बसेगी कुंभ नगरी

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि पहले दिन संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के लिए भूमि आवंटित की गई। प्रशासन के सहयोग से अब यहां भूमि पूजन की प्रकिया पूरी करने के बाद अन्य परंपराएं पूरी की जाएंगी। सभी अखाड़ों में भूमि आवंटन की सहमति बनने के साथ ही कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारियों की टीम अखाड़ों के साधु संतो के साथ कुंभ मेला क्षेत्र में अखाड़ा सेक्टर पहुंची। यहां मेला प्रशासन की तरफ से अखाड़ों को उनकी भूमि को दिखाया गया जहां उनकी छावनी लगनी है। पूरी तरह समतल भूमि पर अखाड़ों ने अपनी अपनी भूमि का सीमांकन किया । इसके उपरांत कुंभ क्षेत्र में खूंटा गाड़ने की परम्परा पूरी की गई। अब यहां कुंभ नगरी की बसावट शुरू हो गई है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी बताते है कि मेला क्षेत्र में भूमि सीमांकन के साथ ही अखाड़ों ने अपने खूंटे गाड़ दिए हैं। अब अखाड़ों के सभी कार्यक्रम इसी भूमि से संपादित होंगे। श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी का कहना है कि कुंभ की स्थापित परंपरा के अनुसार ही मेला प्रशासन से हमें भूमि प्राप्त हुई है। अब अखाड़े की पूर्व नियोजित योजना के अनुसार बसावट का कार्य पूरा होगा।

13 अखाड़े एकजुट

जमीन आवंटन को लेकर बैठक समापन के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि “हम सभी 13 अखाड़े एकजुट हैं और मेला प्रशासन जो जमीन हमें देगा, हम उस पर तैयार हैं। उन्होंने कहा, “ हमारा मेला है, हमारे मुख्यमंत्री योगी जी हैं..। जहां-जहां जमीन हमें आबंटित होगी, हम खुशी से वहां निशान लगाएंगे।”महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “बैठक में सभी की समस्याएं सुनी गईं, जिनका हल निकाल लिया गया है।

इस बैठक में 10 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं.. बाकी तीन अखाड़ों से भी हमारी बात हुई है। हम सब एक हैं। हमने प्रशासन से जमीन और सुविधाएं बढ़ाने की बात कही थी जिसे प्रशासन ने मान ली है।”आज दस अखाड़ों को भूमि का आवंटन किया गया। शेष तीन वैष्णव अखाड़ों को 19 नवंबर को भूमि आवंटन होगा।

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